साइकिल वाला प्यार - एक आखिरी नज़र - 1

  • 417
  • 114

Episode 1: Sirf Dost Ya Kuch Aur?हम स्कूल में साथ थे। हर दिन की तरह मैं हमेशा उसके बगल वाली बेंच पर बैठता — वो मुस्कुराती थी, और मैं जी उठता  था।वो पढ़ने में तेज थी, दिखने में बहुत खूबसूरत बेहद मासूम जिससे देख पत्थर भी पिघल जाए  फिर मैं कहाँ इन मासूम निघाओ से बचने वाला था — जैसे उसे देखता तो कुछ देर ठहर सा जाता। और मैं? मैं बस एक आम सा लड़का था… पुरानी साइकिल, घिसे हुए जूते और कुछ ख्वाब।हम अच्छे दोस्त थे। वो मुझे हर बात बताती थी, अपने घर की परेशानियाँ, कॉलेज का