प्रस्तावना इस कहानी के सभी पात्र और जगह गांव व्यक्ति और स्थान कल्पानिक है हमारा इस पुस्तक को लिखने का उद्देश्या मनोरजंन के लिए है ना कि किसी कि भावना को ठेस पहुंचाना और ना ही हम तंत्र-मंत्र को बढावा देते है। और इस कहानी के सभी नाम स्थान और समय से हमारा कोई लेना देना नही है। ये कहानी पुरी तरह से कल्पनिक है। अगर हमारे माध्यम से किसी को या किसी के भवना को ठेस पहुंचती है तो हम माफी चाहते है। धन्यवाद Thankyou किरदार :-डिटेक्टिव समर राठौड अजय लेखक - कहानी को नया रगं दिया सायको राधिक ाविक्रांत रायचंद हवेली