राम त्रेता युग कहिनी

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️ रामावतार: मर्यादा पुरुषोत्तम की दिव्य गाथात्रेता युग का समय था। पृथ्वी अधर्म, अहंकार और राक्षसी शक्तियों के बोझ से कांप रही थी। रावण का अत्याचार चरम पर था — उसने देवताओं को भी अपमानित किया था, यज्ञ-हवन बंद करवा दिए थे और साधु-संतों को मारा जा रहा था। तब सभी देवता ब्रह्मा जी के पास पहुँचे और उन्होंने भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि वो स्वयं धरती पर अवतार लें और रावण जैसे अधर्मी का अंत करें। भगवान विष्णु ने मुस्कुराते हुए कहा, “अब मैं राम के रूप में अवतार लेकर अधर्म का अंत करूंगा और धर्म की स्थापना