जादू और जद्दोजहद - ज़िन्दगी के दो छोर।

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Chapter 1: ₹5001 की दस्तकसाहिल किनारे जैसी ज़िंदगी चल रही थी — सीधी, थकी हुई, और थोड़ी बुझी हुई।प्रशांत, एक 23 साल का नौजवान, बिहार के एक छोटे से गाँव सैन राम राय में रहता था। आठवीं तक पढ़ाई के बाद हालात ऐसे बने कि स्कूल छूट गया। अब वह एक छोटे से कमर्शियल वाहन का ड्राइवर था — कभी स्कूल की वैन, कभी गिट्टी-बालू ढोने वाला ट्रक।पिता का साया दो साल पहले उठ गया था — विजय जी अब सिर्फ तस्वीरों में मुस्कुराते थे। घर में माँ, छोटा भाई प्रकाश, और दादा-दादी थे।बस एक दोस्त था — सनी,