ये ख्वाहिशें भी बड़ी खूबसूरत होती हैं - और बेचारा इंसान इनको पूरा करने में अपना दिन रात एक कर देता है।ख्वाहिशें, सपनों की तरह, इंसान के जीने का सबसे बड़ा सहारा होती हैं। ये हमें एक वजह देती हैं हर दिन कुछ नया करने की, खुद को आगे बढ़ाने की। लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या ख्वाहिशों का होना सही है? इसका जवाब है—हाँ, बिलकुल सही है। ख्वाहिशें इंसान को दिशा देती हैं, उसे उसके उद्देश्य से जोड़ती हैं। बिना ख्वाहिशों के इंसान का जीवन बेमकसद हो जाता है, जैसे कोई नाव बिना पतवार के।“ख्वाहिशें जितनी बड़ी होंगी,