चंद्रवंशी - अध्याय 7 - अंक 7.2

  • 261
  • 69

विनय मंदिर में प्रवेश कर चुका है। उसके साथ पांडुआ का एक वृद्ध पंडित था। वही एकमात्र इस मंदिर के बारे में बताने को तैयार हुआ था। बाकी लोग पांडुआ के जंगल में कोई मंदिर है, इस बात को मानने को ही तैयार नहीं थे। वे हमेशा जंगल में आती-जाती कोयले की गाड़ियाँ देखते और चुप रहते। पंडितजी के पास ज़्यादा समय नहीं था। वह विनय को केवल मंदिर के कुछ ही रहस्य बताकर निकल जाना चाहता था।  पंडित मंदिर के प्रांगण में खड़ा होकर बोला,  "यह मंदिर वर्षों पहले बनवाया गया था। उस समय सूर्यवंशी राजा राज करते थे और उनके