Super Villain Series - Part 14

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Super Hero Series – Part 14: अग्नि द्वार का रहस्य प्रारंभ – एक अनजानी पुकारअर्णव ठंडी हवाओं के बीच एक खंडहरनुमा पहाड़ी पर खड़ा था। सामने एक बड़ा गोल पत्थर, जिसमें तीन अग्निलकीरें खुदी थीं — त्रैत्य का चिन्ह।अचानक वही रहस्यमयी चिट्ठी, जो आकाश से आई थी, खुद-ब-खुद जल उठी।पर वो राख नहीं बनी… बल्कि हवा में एक वाक्य उभरा:“वास्तविक युद्ध तब शुरू होता है, जब तुम अपने शत्रु को समझने की हिम्मत रखते हो।”फिर अचानक ज़मीन काँपी — और पत्थर दरक गया।उसके नीचे एक जलता हुआ द्वार प्रकट हुआ — अग्नि द्वार। अग्नि द्वार – जहाँ समय नहीं चलताअर्णव ने