द्वादशम अध्याय अंतिम पड़ाव सोलह वर्ष उपरांत (बगदाद का युद्ध क्षेत्र) हिन्दसेना और अरबों के बीच होते युद्ध के मध्य अकस्मात ही रेत की एक तेज आंधी ने व्यवधान डाल दिए। उठते चक्रवात को देख रावल ने तत्काल ही नीला ध्वज उठाया और शंख बजाते हुए अपनी समस्त सेना के बीच दौड़ लगा दी। मैदान में युद्ध कर रहे पचास सहस्त्र हिन्दवीरों को ये संकेत समझने में विलम्ब नहीं हुआ। वो तत्काल ही युद्ध छोड़कर पीछे की ओर भागे। दूसरी ओर से अरबी सेना का नेतृत्व करते हुए अल जुनैद ने भी बिगुल बजाकर अरबों को पीछे हटने का आदेश दिया। आंधी से प्रभावित