पंचम अध्यायसामने आये रावल और कासिम कुछ दिनों का समय बीता। हिन्दसेना के दस जहाज तीर के आकार में जलमार्ग पर प्रशस्त थे। मध्य में एक जहाज था, वहीं पाँच जहाज पीछे की दायीं ओर और चार पीछे की बायीं ओर चल रहे थे। हर जहाज को नीचे से लगभग दायीं और बायीं ओर से पच्चीस पच्चीस नाविक योद्धा खे रहे थे। सबसे आगे के जहाज के नीचे के कक्ष में ही अपने घाव पर पट्टी बांधे कालभोज विश्राम कर रहा था। उसके सामने एक आसन पर बैठा देवा उसे घूरे जा रहा था। अपने मित्र के नेत्रों में कटाक्ष का