वक़्त बीत गया… लेकिन यादें नहीं। मायरा अब अमेरिका से लौट चुकी थी। मुंबई में एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर की पोस्ट पर थी। हर चीज़ बाहर से एक परफेक्ट लाइफ का हिस्सा लगती थी—कार, ऑफिस, छुट्टियाँ, सोशल मीडिया पर स्माइलिंग तस्वीरें… लेकिन दिल के एक कोने में अब भी एक "रिक्तता" थी, एक ऐसा स्पेस जहाँ कोई अब भी धड़कता था। आरव। उधर आरव ने दिल्ली में रहकर CAPF की तैयारी शुरू कर दी थी। वो अब पहले जैसा नहीं था—ना वो बेफिक्री, ना शरारतें। दिनभर लाइब्रेरी, कोचिंग, और फिर घर में चुपचाप डायरी में कुछ लिखना—बस यही