पिछले कुछ महीनों में आरव और मायरा की दोस्ती अब रिश्ते की एक नयी परिभाषा बन चुकी थी। वो दोनों अब सिर्फ प्रोजेक्ट पार्टनर नहीं थे—वो एक-दूसरे की दुनिया बन चुके थे। कॉलेज की छुट्टियाँ अब साथ बिताने का बहाना बन गईं। मायरा के लिए सुबह की शुरुआत आरव के “गुड मॉर्निंग” मेसेज से होती, और दिन का आख़िरी मेसेज भी उसी से होता: "सो जा पगली, तुझे देखे बिना नींद नहीं आती।" आरव के नोट्स अब मायरा के पसंदीदा रंगों में सजते थे, और मायरा के किताबों के पन्नों में छोटे-छोटे प्यार भरे नोट्स छुपे रहते। कभी कोई चॉकलेट,