उस पार भी तू - 7

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प्रकाश ने एक गहरी साँस ली।इतना सारा अपनापन… इतना स्नेह…उसे थोड़ी उलझन भी हो रही थी,क्योंकि अब तक वह सिर्फ संघर्षों में जीता आया था।कुछ क्षण यूँ ही बैठे रहने के बाद,वह धीरे-धीरे सीढ़ियाँ चढ़ने लगा।हर सीढ़ी पर उसके मन में एक नया प्रश्न था।क्या वो ठीक करेगी उससे बात?क्या उस थप्पड़ का कोई असर अब भी बाकी है उसके मन में?या शायद… अब सब बदल चुका है?कमरे के दरवाज़े के पास पहुँचकर वह रुका।अंदर से किसी गाने की धीमी-सी धुन आ रही थी —शायद किसी पुराने रेडियो की मधुर तान।उसने धीरे से दरवाज़े पर दस्तक दी।"कौन?" अंदर से राधिका