उस पार भी तू - 3

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गंगा के किनारे चलते हुए, जब सूर्य की लालिमा पानी में बिखर रही होती थी, तो उस समय भी प्रकाश के मन में एक अनकही उदासी छुपी रहती थी। उसकी चाल में जो गंभीरता थी, वह सिर्फ बनारस की गलियों की वजह से नहीं, बल्कि एक बड़े दुःख की छाया भी थी।कुछ साल पहले, जब प्रकाश अभी किशोर था, उसके पिता का एक भयानक सड़क हादसा हुआ। उस दिन से घर में जैसे धूप की जगह साये छा गए। पिता की मुस्कान जो कभी घर की दीवारों को रोशन करती थी, अब सिर्फ यादों में बाकी रह गई।प्रकाश के पिता,