मेट्रो इन दिनों :_ फिल्म नहीं एक खूबसूरत कविता है यह ---------------------- सुलझे हुए निर्देशक हमारी फिल्म इंडस्ट्री में गिनती के ही हैं। सुजीत सरकार, पिंक, विनोद विधु चोपड़ा, बारहवीं फेल, सूरज बडजात्या, राजश्री फिल्म्स, नंदिता दास, विवेक अग्निहोत्री और अनुराग बसु, यह वह लोग है जो यथार्थ से जुड़ी और हमारे आसपास की दुनिया को दिखाते हैं। उसकी वास्तविक समस्याओं को रखते हैं। करीब डेढ़ दशक पूर्व फिल्म आई थी लाइफ इन ए मेट्रो। उसमें चार कहानियों के माध्यम से बहुत दिलचस्प वितान बुना गया था घर, दफ्तर की राजनीति और विवाह को लेकर भ्रम का। फिल्म में कंगना