बरसों बाद तुम - 10

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️ एपिसोड 10: “जब मोहब्बत मुकम्मल होती है…”> "कभी-कभी मोहब्बत को मुकम्मल होने में वक़्त नहीं,हिम्मत लगती है।”---स्थान: दिल्ली — रविवार की सुबह, 8:00 बजेआरव आज जल्दी उठ गया था।रेहाना की नींद अब भी मीठी थी।उसने चुपचाप किचन में जाकर नाश्ता तैयार किया —ब्रेड टोस्ट, कॉफी और उसके लिए खास चीज़ — गुलाब-जामुन।> “आज कुछ ख़ास है क्या?” रेहाना ने आँखें मलते हुए पूछा।“हाँ… आज हमारी कहानी का 100वां दिन है।”“क्या?”“हमारी शादी को 100 दिन पूरे हो गए।”रेहाना मुस्कराई, जैसे कोई मासूम सा बच्चा उसे याद दिला रहा हो —कि हर छोटा दिन भी बड़ा होता है, अगर साथ हो।---Scene