ककुड़ा

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"तुम्हें हँसी आ रही है?" बूढ़े दादा ने कांपती आवाज़ में पूछा।"हाँ, दादा... सिर्फ़ एक ककुड़ा ही तो है! बच्चों को डराने वाली कहानी," अर्जुन बोला और ज़ोर से हँस पड़ा।लेकिन उस रात, जब हवाएं बिना किसी आहट के खिड़कियों से अंदर सरसराने लगीं, और दीवारों में से कोई अजीब फुसफुसाहट सुनाई देने लगी — अर्जुन को अहसास हुआ कि हर कहानी का आधार कल्पना नहीं होता… कुछ कहानियाँ अनुभव से लिखी जाती हैं।गाँव रूपगढ़ एक समय पर हरा-भरा और खुशहाल था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से वहाँ सन्नाटा पसरा हुआ था। हर तीसरे शुक्रवार को, एक घर से चीखें