इश्क, पागलपन, यह है जूनून... - प्रस्तावना

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"इश्क, पागलपन, यह है जूनून" – कभी आपने किसी को इस कदर चाहा है कि वो चाहत आपकी रूह में उतर जाए?कभी सोचा है कि इश्क़ सिर्फ सुकून नहीं देता, कभी-कभी वो आग भी बन जाता है… ऐसी आग जो सब कुछ जला कर राख कर दे — ख्वाब, हकीकत, और खुद को भी।यह कहानी सिर्फ दो लोगों की मोहब्बत की नहीं है।यह कहानी है उस पागलपन की, जो इश्क़ की हदें तोड़ देता है।यह कहानी है उस जूनून की, जो हर दर्द को भी प्यार समझ बैठता है।जहाँ एक तरफ मोहब्बत सच्ची है, दिल से है, पर हालात और