भाग 5: विरोध की शुरुआतकॉलेज ऑडिटोरियम में गूँजती तालियों ने साफ़ कर दिया था — अंजली ने सिर्फ़ अपनी आवाज़ नहीं उठाई, बल्कि कई चुप दिलों को जीने की हिम्मत दी थी।लेकिन बाहर की दुनिया… तालियों से बहुत अलग थी।सेमिनार के अगले ही दिन, कॉलेज के नोटिस बोर्ड पर किसी ने गंदे शब्दों में लिखी एक अनाम चिठ्ठी चिपका दी थी —"आज की लड़कियाँ इज़्ज़त नहीं, आज़ादी के नाम पर बेशर्मी फैलाती हैं।पढ़ाई नहीं, इन्हें शर्म सिखाने की ज़रूरत है।"अंजली कुछ पल उस चिठ्ठी को देखती रही, फिर गहरी साँस लेकर मुस्कुरा दी।अब वो वो अंजली नहीं रही थी जो