तेरे मेरे दरमियाँ - 3

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एपिसोड 3: दोस्ती या धोखा?  ---कॉलेज की लाइब्रेरीआरव के गुलाब और चिट्ठी ने संजना के मन में कुछ हलचल पैदा कर दी थी। वो पहली बार मुस्कराई थी — उस लड़के के लिए जिसे वो घमंडी समझती थी।लेकिन संजना को खुद पर भरोसा नहीं था। उसका दिल पहले भी टूटा था… और वो नहीं चाहती थी कि फिर से किसी रिश्ते में उलझे।लाइब्रेरी में आरव आया, और बोला,“गुलाब पसंद आया?”“सिर्फ गुलाब नहीं, शब्द भी अच्छे थे।”संजना ने जवाब दिया।“तो फिर दोस्ती की शुरुआत हो सकती है?”उसने हाथ आगे बढ़ाया।संजना ने एक पल रुककर उसका हाथ थामा।“ठीक है। हम दोस्त हैं,