बरसों बाद तुम - 9

  • 249
  • 57

️ एपिसोड 9: “जब ज़िंदगी इम्तहान लेती है…”> “प्यार सिर्फ कह देने से पूरा नहीं होता…असली इम्तहान तब होता है, जब हालात तुम्हारे खिलाफ होते हैं।”---स्थान: दिल्ली — रेहाना और आरव का घर, सुबह 7:00 बजेआज की सुबह बाकी दिनों से अलग थी।रसोई में चाय की महक थी,आरव बालकनी में लैपटॉप लेकर बैठा था।रेहाना फूलों को पानी दे रही थी, पर आज चेहरे पर एक चिंता थी।> “आरव… बात करनी है।”आरव ने सर उठाया —उसकी आँखें थकी हुई थीं।> “हां, बोलो…”“तुम पिछले एक हफ्ते से बहुत टेंशन में हो। ऑफिस की बात है?”“कुछ नहीं… एक क्लाइंट लॉस हुआ है। डील