अंदर आते ही राधा अपने काम में लग गई। दोपहर तक उसका सारा काम हो गया । अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि बाकी के समय क्या करें।तभी मन में ख्याल आया की चलो देव के घर चला जाए पर... क्या ये सही होगा ?मां की उपस्थिति में झूठ बोलकर देव के घर जाना अलग बात है पर मां की अनुपस्थिति में देव के घर जाना__राधा को ठीक नहीं लगा ।राधा ने अपने आप को दूसरे कामों में व्यस्त कर लिया और शाम घिर आई। राधा भगवान को दीपक लग रही थी कि तभी बेल बज गई। राधा को