मौत की अजीब काली रात - 4

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दोनो प्रेम से भोजन करने लगे,,,। फिर अपने कक्ष में चले गए विश्राम करने,,, अब आगे,,,,अपने कक्ष में ये दोनों चैन की निद्रा में थे आने वाले भयानक खतरे से अनजान,,इन दोनो को अंदाजा भी नहीं था की एक बहुत बड़ा संकट इनके ऊपर मंडरा रहा है।अचानक तेज हवाएं चलने लगी फिर हवाओं ने तेज बारिश रूप ले लिया फिर बारिश से तूफान,,, चमक कर गड़गड़ाती हुई बिजली भी ऐसे गड़गड़ा रही थी मानो बिजली की बरसात हो रही हो,,,,सब अपने अपने घर में डर से दुबक कर बैठे थे।तभी अचानक सब कुछ शांत हो गया। मौसम को ऐसे अचानक