प्रणाली गहरी नींद में जा चुकी है।वर्धांन उसके गालों को छूते हुए बोला –"मैं तुम्हारे सोने का इंतज़ार कर रहा था..."हवा से उसके बाल गालों को छूने लगते हैं।वर्धांन उन बालों को हटाने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाता है, पर कुछ सोच कर रुक गया..."नहीं! ये गलत है... मैं खुद को तुमसे दूर क्यों नहीं रख पा रहा?"(उसने अपने हाथ पीछे करते हुए कहा)वर्धांन वहाँ से निकलकर अब महल के अंदर चला गया और न जाने किस तलाश में घूम रहा है...कभी वो सैनिकों से बचता, तो कभी महल के हर दरवाज़े का मुआयना करता।पर कुछ घंटों की मशक्कत