हुक्म और हसरत - 1

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परिचय और ट्रेलर!   "हुक्म था — बचाओ, हसरत थी — छीन लो... और मोहब्बत कभी इजाज़त नहीं मांगती।"   आपकी लेखिका की तरफ से: Diksha "मिस कहानी" सब से पहले तो आप सभी का दिल से धन्यवाद ,जिन्होंने मेरी कहानी चुनी, अपने कीमती वक्त से समय निकाल कर।मैं इस प्लेटफॉर्म पर नई हूं,भूल चूक हो तो माफ करे। नोट:1.एक अध्याय को लिखने में दो से तीन दिन का वक्त लगता है,तो अगर आप समीक्षाएं न दे सके तो,कृपया रेटिंग्स जरूर दे! **   जब ताज झुके मोहब्बत के आगे... और रक्षक बन जाए सबसे बड़ा ख़तरा!      ,समर्पण️️