एक अधूरे प्यार की दस्तान

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> वो लड़का हर सोमवार मंदिर के बाहर खड़ा होकर उसी लड़की को देखा करता था।वो लड़की हमेशा सफेद सलवार-सूट में आती थी, माथे पर काली बिंदी और आँखों में एक अजीब सी खामोशी लिए हुए।वो आती, पूजा करती, कुछ देर बैठती, और फिर चली जाती।लड़का कभी उससे बात नहीं कर पाया। शायद डर था — नकारे जाने का, या शायद सिर्फ इस खामोश मोहब्बत को देखने की आदत पड़ गई थी।हफ्ते बीतते गए।धीरे-धीरे वो लड़की उसके लिए हवा की तरह ज़रूरी हो गई थी।सुबह उठकर सबसे पहले यही ख्याल आता – "आज सोमवार है, वो आएगी ना?"वो उसके लिए