वर्धांन बिना उसे कोई जवाब दिए आगे बढ़ गया।सय्युरी उसे रोकते हुए:"वर्धांन! तुम जानते हो ना कि हम एक-दूसरे से जुड़े हैं... हमारी किस्मत साथ ही जुड़ी है!"वर्धांन चला गया।सय्युरी (मन ही मन सोचते हुए):“आख़िर ये जा कहां रहा है... वो भी पूरी तरह ठीक हुए बिना?”वो अगस्त्य का पीछा करने ही जा रही थी कि बीच रास्ते में गरुड़ शोभित से टकरा गई।सय्युरी (हड़बड़ाते हुए):"माफ़ कीजिए गरुड़ शोभित... मैंने आपको देखा नहीं!"गरुड़ शोभित (मुस्कुराते हुए):"कोई बात नहीं! लेकिन तुम जा कहाँ रही हो?"सय्युरी (सामने इशारा करते हुए):"वो... वर्धांन... पता नहीं कहाँ चला गया।"गरुड़ शोभित (हल्के से मुस्कुराकर):"अरे, तुम परेशान