अगस्त्य वहाँ से निकल गया।सय्युरी गुस्से में पास में रखा वास तोड़कर ज़ोर से चिल्लाती है:"आआआआआआ........!"पिछली बार इतना सब होने के बाद भी उसका गुस्सा और अकड़ कम नहीं हुई... इसे तो शुक्र मनाना चाहिए कि मैं इसे हासिल करना चाहती हूँ!---दूसरी तरफ,अगस्त्य बाहर आया... उसकी कार वहीं खड़ी थी, पर जब उसने कार के पास जाकर देखा — रात्रि वहाँ नहीं थी।अगस्त्य (साँस भरते हुए): As expected, वो चली गई......और वो भी वहाँ से निकल गया।---रात्रि टैक्सी में बैठी जा रही थी...(अपने और अगस्त्य के अच्छे पलों को याद करते हुए...)तभी उसके फोन पर एक कॉल आई।रात्रि: "हेलो एवी...!"एवी: