श्रापित हवेली - भाग 4

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Title: शापित हवेली – भाग 4जैसे ही आदित्य ने सीढ़ियों से उतरने की कोशिश की, उसे फिर से वही ठंडी सांसें अपने कानों में महसूस हुईं। वह रुक गया, पीछे मुड़ा, लेकिन कोई नहीं था। हवेली के दरवाज़े अब खुद-ब-खुद बंद हो चुके थे। रोशनी गायब थी, और एक अजीब सी गंध पूरे माहौल में फैल गई थी — जैसे किसी चीज़ का सड़ना।आदित्य ने खुद को संभाला और धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ने लगा। तभी उसे दीवारों पर कुछ अजीब आकृतियाँ दिखाई दीं — किसी बच्चे के हाथों के निशान, लाल रंग से बने हुए। वो धीरे-धीरे आगे बढ़ता