"लाहौल वाला कुवा!" सफ़दर ने मुँह बनाते हुए बुदबुदाया जब उसने उस ख़तरनाक आदमी को दरवाज़े से बाहर आते और प्रदर्शनकारियों की मेज़ की तरफ़ बढ़ते देखा। वह ढाई-तीन फ़ुट लंबा आदमी था। सफ़दर ने सरसों के खेत में ऐसे आदमियों को कई बार देखा था और उनकी अकड़ देखकर उसे मज़ा आ रहा था।"क्यों? क्या तुम्हें लगता है कि यह मज़ाक है!" इमरान ने गंभीरता से कहा। "यह जुए का अड्डा उसका है और यहाँ के करोड़पति ही इसकी मार झेलते हैं। बड़े-बड़े गैंगस्टर इसका नाम सुनते ही कानों पर हाथ रख लेते हैं!"होता मेज़ पर पहुँच चुका था।