14 साल का अक्षय जाड़े के दिनों में अपनी मौसी के साथ मंदिर गया था। मंदिर में पूजा करने के बाद जब वे लौट रहे थे, तब अक्षय ने एक लड़के और लड़की को फेरे लेते देखा। बालमन में सवाल जागा—“ये कौन-सा खेल खेल रहे हैं?”अक्षय (जिज्ञासा से): मासी, ये भैया और दीदी कौन-सा खेल खेल रहे हैं?मासी (हँसते हुए): बेटा, ये शादी का खेल खेल रहे हैं।अक्षय (उत्सुकता से): इसे कैसे खेलते हैं? मैं भी खेलूंगा।मासी (सहज भाव से): नहीं बेटा, इस खेल में एक लड़का और लड़की साथ रहकर एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ निभाते हैं और जीवन