उस रात का सन्नाटा...उस रात रुशाली के कमरे में खामोशी थी,पर उसके ज़ेहन में एक तूफान चल रहा था।"क्या मयूर सर मुझे पसंद करते हैं?""अगर हाँ, तो मेरे उस सवाल का जवाब क्यों नहीं दिया उन्होंने?""क्यों बस चुप रह गए?"दिल बार-बार वही सवाल कर रहा था,और दिमाग हर बार नए-नए जवाब ढूंढता।वो सोचती रही —"क्या उनकी चुप्पी में कोई इकरार छुपा था?""या फिर इनकार?"एक और सोच..."अगर वो मुझे पसंद नहीं भी करते,तो भी जब तक उनकी सगाई नहीं होती,मैं अपनी तरफ से कोशिश करूँगीकि मैं उन्हें भी पसंद आऊंऔर उनके परिवार को भी।""पर उनका परिवार?""हम एक ही जाति से नहीं