बचपन का प्यार - 5-6

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एपिसोड 5: अधूरा ख़तस्कूल में वो सुबह कुछ अलग थी। सीमा हमेशा की तरह समय पर आई, लेकिन उसकी मुस्कान अब खो चुकी थी। न कोई बात, न कोई शरारत — अब वो बस क्लास में बैठती, पढ़ाई करती, और चुपचाप घर चली जाती।निर्मल ने कई बार कोशिश की उससे बात करने की, लेकिन सीमा अब बिल्कुल अनजान बन चुकी थी। निर्मल की उलझननिर्मल को समझ नहीं आ रहा था कि उसने क्या इतना बड़ा गुनाह कर दिया?“एक छाता ही तो था… पर शायद वो सिर्फ छाता नहीं था,” अब उसे एहसास हो रहा था।वो अकेले बेंच पर बैठा, एक कागज़