वो जो मेरा था - 5

  • 366
  • 123

"वो जो मेरा था..." Episode 5 – जहाँ रिया ने आख़िरी बार लिखा था… वहीं से शुरुआत---कभी-कभी कोई जगह सिर्फ ज़मीन का टुकड़ा नहीं होती…वो किसी की याद, किसी की आवाज़, और किसी की अधूरी कहानी की आख़िरी सांस होती है।आरव ने रात को जो मैसेज भेजा था —“कल सुबह 7 बजे तैयार रहना, तुम्हें एक जगह ले जाना है…”वो काव्या के दिल और दिमाग़ में घूमता रहा।कहाँ? क्यों? और किसलिए?--- अगली सुबह – मुंबई की हल्की सुबहकाव्या जब आरव की कार में बैठी, तो वो चुप था — हमेशा की तरह।लेकिन उसकी आँखों में एक अलग चमक थी।जैसे वो