बरसों बाद तुम - 8

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️ एपिसोड 8: “अब जब हमसफ़र हैं…”> “मोहब्बत जब मंज़िल बन जाती है…तब भी राह आसान नहीं होती।”---स्थान: दिल्ली — एक नया घर, एक नई सुबहछोटा-सा 2BHK फ्लैट।हल्की धूप खिड़की से पर्दों में उतर रही थी।रेहाना रसोई में चाय बना रही थी।आरव बालकनी में बैठा अख़बार पढ़ रहा था।दोनों के बीच वो खामोशी थी, जो सुकून देती है —वो खामोशी जो दो हमसफ़रों की पहचान बन जाती है।---> “चाय में अदरक डाला?”“हाँ, तुम्हारी पसंद अब मेरी आदत बन चुकी है…”(दोनों मुस्कराए)--- नयी ज़िंदगी के पहले दिन की शुरुआतरेहाना ने धीरे से कहा —> “आज से हमारी रोज़मर्रा की कहानी शुरू…”“लेकिन