बेटा... प्रणाली तुम्हारी ज़िम्मेदारी है, तुम्हें उसका ख़याल रखना होगा।(महाराज के शब्द पारस के कानों में गूंजने लगे और पता नहीं, उसके दिमाग में एकाएक क्या विचार आया।)वो उस तलवार और प्रणाली के बीच आकर खड़ा हो गया।सबकी आंखें फट गईं।प्रणाली (चिल्लाई): भैया...?महाराज: राजकुमार...?पर तब तक वह तलवार राजकुमार की पीठ में धंस गई, और राजकुमार वहीं ध्वस्त हो गए।वो नीचे गिरा... प्रणाली उसे संभालते-संभालते धरती पर बैठ गई,उसके दोनों हाथों में उसका भाई बेजान पड़ा है।वार इतना तीखा था कि पारस को कुछ आखिरी अल्फ़ाज़ भी बोलने का वक्त नहीं मिला।प्रणाली की आंखों से आंसू बाहर बहने लगे।महाराज जितनी