अगस्त्य ने उसे एक बार और देखा और थोड़ा शातिर वाली मुस्कान देकर बोला:"तुम तो मुझे अट्रैक्ट भी नहीं कर सकती!पर हां... अगर तुम मुझे खुश करना चाहती हो, तो मैं तुम्हें एक मौका दे सकता हूं... होटल में रू—"(बात खत्म होने से पहले ही रात्रि ने अपने हाथ उठाया और अगस्त्य के मुंह पर एक जोरदार और असरदार तमाचा जड़ दिया)अगस्त्य ने उसका हाथ पकड़ा और तेजी से मोड़कर उसकी कमर पर रखकर सामने दीवार में उसे सटा दिया, और दांतों को भींचते हुए गुस्से में बोला:"देखा...! ये है हमारी कहानी, इसमें नफरत, नफरत और सिर्फ नफरत है।तुम कहां