इश्क और अश्क - 30

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अब अगस्त्य सोच रहा है : पता तो चले की तुम हो कौन ?, उम्मीद करता हू ....मेरे शक फिजूल हो ,और तुम सच में एक अच्छे इंसान हो Next day सुबह सुबह रात्रि का फोन बजा रात्रि : हेलो......एवी : गुड मॉर्निग , तुम्हे पता है ना आज हमारी पहली डेट है ।रात्रि की नींद खुली और वो खुद में सोचने लगी : इसे अभी तक याद है ये ......एवी : हैलो तुम कुछ बोल क्यों नही रही हो । ....रात्रि ध्यान से निकलती हुई : हम..... हां.....सुन रही हू ....एवी : मैं आज शाम को सात बजे तुम्हे पिक कर लूंगा रात्रि