इश्क और अश्क - 29

रात्रि डरने लगी:"कहीं ये मेरी कही हुई बातों का यहाँ तमाशा न बना दे...!ये अगस्त्य मान है, ये कुछ भी कर सकता है।"अगस्त्य:"आप में से कोई मुझे पसंद करता है क्या?"रात्रि (मन में):"नहीं... प्लीज़ कुछ मत बोलना।"अगस्त्य:"लगता है कोई मुझे पसंद नहीं करता।"मलिश्का:"नहीं...! ऐसा नहीं है, I like you!"अगस्त्य:"Okay fine, सो तुम मेरी पार्टनर हो!"मलिश्का खुश हो गई और बाकी सब शॉक्ड हो गए।सब:"क्या? पार्टनर...?!"रात्रि थोड़ा चिढ़ गई और खुद से बोलने लगी:रात्रि:"पार्टनर...? हम्म... शक्ल देखी है इसने अपनी...?"मलिश्का खुशी से:"हाँ... हाँ... मैं तो कब से..."अगस्त्य:"हाँ तो मेरी पार्टनर मलिश्का है।बाकी लोग परसों तक अपना-अपना पार्टनर चुन लेना।"अर्जुन:"मतलब?"अगस्त्य:"हमारे कुछ इन्वेस्टर्स