उपन्यास का नाम:तू था, मगर मेरा नहीं---अध्याय 1: जब बचपन ने नाम लिया — रानीस्थान: गाँव - सरोई, शहर - प्रयागपुर…गाँव सरोई की मिट्टी में एक अलग सी सादगी थी। यहाँ के लोग सीधे-सादे थे, दिल के भोले भाले और उन्हीं लोगों में एक था रवि — एक मेहनती, ईमानदार और भावुक दिल का लड़का। बचपन से ही उसकी आँखों में दो सपने पलते थे: एक, बड़ा होकर अपने माँ-बाप को वो दुनियां की सारी खुशी देने जो मां- बाप अपनी ओलाद से चाहते है और दूसरा, रानी से शादी करना कुछ ही दिन पहले रवि के गली में एक परिवार