इश्क और अश्क - 28

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अगस्त्य ने झाड़ियों को डंडे से हिलाया तो वहाँ से एक नेवला निकल कर इतनी तेज़ी से भागा कि अचानक अगस्त्य चौंक गया। और इस चक्कर में रात्रि इतनी डर गई कि उसका पैर फिसला और वो अगस्त्य की बाहों में जा गिरी।अगस्त्य की नशीली आंखें रात्रि को ताड़ने लगीं, और अब दोनों एक-दूसरे को देख रहे थे...उसे हर वो लम्हा याद आ गया जब-जब अगस्त्य उसके साथ था —हाईवे की वो रात, वो बरसात में उसे बचाना, पानी से निकलना...कोई पागल ही होगा जिसे उससे इतना सब होने के बाद भी प्यार न हो।रात्रि ने बोला:"पता नहीं कब, क्यों