इश्क और अश्क - 26

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वो रोते-रोते:"अच्छा हुआ तुम आ गए... वरना..."फिर थोड़ी ही देर में रोते-रोते चिल्लाई:"तुम इतनी देर से क्यों आए...? मैं कितना डर गई थी!"(और उसने वर्धान के सीने पर अपने नाज़ुक हाथों से मारा)वर्धान मुस्कुराया और बोला:"या तो रो लो... या गुस्सा कर लो।"वो उससे चिपक कर और भी ज़ोर से रोने लगी।वर्धान ने भी उसे हटाया नहीं... और उसके बालों को सहलाने लगा।प्रणाली (सिसकियों के बीच):"कल जब तुम पानी में गए थे... तब क्यों नहीं आए थे ये मगर?"वर्धान ने उसे अपने हाथों से पकड़ा, उसकी आंखों में देखा और दोनों हथेलियों से उसकी आंखों के आंसू पोंछते हुए बोला:"क्योंकि