पल भर की मोहब्बत

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“पल भर की मोहब्बत” शहर की भागदौड़ से दूर, एक छोटा सा कस्बा था—जहाँ लोग धीरे चलते थे, दिल से मिलते थे और मोहब्बत अब भी जिंदा थी। उसी कस्बे में रहती थी आशी—एक सीधी-सादी, हंसमुख लड़की जो अपनी किताबों और सपनों में खोई रहती थी।एक दिन, कस्बे में एक बड़ा मेला लगा। पूरा शहर रंग-बिरंगी रौशनी से चमक रहा था। आशी अपनी सहेलियों के साथ मेले में घूमने निकली। तभी उसकी नजर पड़ी एक अजनबी पर। काले बाल, गहरी आँखें और मुस्कुराता चेहरा—कोई फिल्मी हीरो सा लगता था। नाम था उसका आरव।दोनों की नजरें मिलीं, और वक्त जैसे