(निशा नागलोक की कैद में एक बच्ची, आद्या, को जन्म देती है, जिसकी हथेली पर रहस्यमय नाग चिह्न उभरता है। नाग रानी उसे "रक्षिका" कहती हैं, पर निशा इसका विरोध करती है। वह अपनी बेटी को नागलोक की राजनीति से दूर रखना चाहती है। एक साधु उसे लौटने की अनुमति देता है, बशर्ते उसका मन शुद्ध हो। अग्निकुंड के पास निशा की चेतना जागती है, और नाग परंपरा उसमें प्रवाहित होती है। अब वह केवल माँ नहीं, नागलोक की शक्ति से जुड़ी है। आदेश होता है कि निशा और आद्या को रात में उनके लोक पहुँचा दिया जाए — पर