दिल ने जिसे चाहा - 17

  • 270

सुबह की पहली किरण... और धड़कनों का तेज़ होनाआज की सुबह कुछ अलग थी...रुशाली की आंखें अलार्म से पहले खुल गई थीं। चेहरे पर मुस्कान थी, आंखों में चमक थी, और दिल... धक-धक कर रहा था।रुशाली (खुद से बड़बड़ाते हुए, मुस्कुराते हुए):"आज तो मयूर सर का बर्थडे है... आज उन्हें मेरा बनाया हुआ कार्ड मिलेगा... और शायद मेरा दिल भी।""भगवान करे उन्हें लंबी उम्र मिले, सारी खुशियाँ मिले... और हाँ, अगर थोड़ी सी जगह उनके दिल में मेरे लिए भी हो, तो और क्या चाहिए!"वो बिस्तर से उठी और गुनगुनाने लगी...ना जाने क्यों आज हर चीज़ खूबसूरत लग रही थी।