यशस्विनी - 9

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       यशस्विनी को लेकर दोनों के मन में अत्यंत कोमल भावनाएं थीं।एक गहरा वात्सल्य भाव था और इसी के चलते उन्होंने यशस्विनी के छठवीं कक्षा में पहुंचने पर उसे समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि हम दोनों तुम्हें गोद लेना चाहते हैं। दोनों की आंखों में स्नेह और वात्सल्य को यशस्विनी ने अनुभव किया था। अपनी 10-11 वर्ष की अवस्था होने तक उसने हर पल न सिर्फ अपने प्रति बल्कि अनाथालय के हर बच्चे के प्रति महेश और गुरु माता माया के लाड़-प्यार और दुलार को देखा था।       अपनी शिक्षा पूरी होने और कैरियर निर्माण