इश्क और अश्क - 17

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[Scene: बीजापुर दरबार – बाघिन की सवारी पर अविराज की एंट्री]राजमहल के मुख्य द्वार पर जैसे ही अविराज घायल अवस्था में, उस सफेद रानी बाघिन की सवारी करते हुए प्रवेश करता है —पूरा दरबार उसकी बहादुरी के लिए उठ खड़ा होता है।ढोल नगाड़े बजने लगते हैं, मंत्रोच्चारण होने लगता है।राजा अग्रेण गर्व से अविराज की ओर देखता है।राजा:"हम घोषणा करते हैं कि राजकुमार अविराज इस स्वयंवर के विजेता घोषित किए जाते हैं!"वहीं रात्रि भी एक कोने से यह दृश्य देख रही है।उसके चेहरे पर सुकून है, मुस्कान है... और राहत भी—कि अब उसे विवाह नहीं करना पड़ेगा।---[Scene: अगली सुबह —