[Scene: सीकरपुर महल – अविराज आगबबूला]अविराज (गुस्से से):"महाराज अग्रेण ऐसा कैसे कर सकते हैं? उन्हें अच्छे से पता है कि मैं प्रणाली से विवाह करना चाहता हूं...फिर भी ये स्वयंवर...?क्या इसे मैं एक सीधा अपमान समझूं...?या फिर ये युद्ध का खुला ऐलान है...?"(उसके हाथ कांप रहे हैं, गुस्से में निमंत्रण पत्र फाड़ देना चाहता है, पर खुद को रोकता है)राजा माहेन् (गंभीरता से):"हर राजकुमारी का स्वयंवर करना हर राजा का कर्तव्य होता है पुत्र...अगर तुम्हें प्रणाली को जीवनसंगिनी बनाना है, तो जाओ...उसे जीत कर लाओ, और बनाओ सीकरपुर की कुलवधू।"अविराज (आँखों में दृढ़ निश्चय लिए):"जैसी आज्ञा पिताजी...अब से प्रणाली सिर्फ