बरसों बाद तुम - 5

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️ एपिसोड 5: “वापसी...”> “कुछ लोग लौटते नहीं, लेकिन एहसास लौट आते हैं…और कुछ एहसास... ज़िंदगी दोबारा शुरू करवा देते हैं।”---स्थान: दिल्ली — शाम 5 बजेरेहाना अपने कमरे की खिड़की के पास बैठी थी।सामने से धीमी हवा आ रही थी, जैसे मौसम भी उसके भीतर की बेचैनी को समझ रहा हो।वो डायरी फिर सामने खुली थी — वही पन्ना, जो आरव ने उसे दिया था।उसकी आँखों में आज भी वो स्टेशन की भीगी खिड़की और आरव की भीगी आँखें तैर रही थीं।---फ्लैशबैक — पिछली रातस्पीच के बाद जब रेहाना स्टेज से उतरी थी और आरव से आँखें मिली थीं,तो उनमें