वो जो मेरा था - 2

  • 561
  • 177

"वो जो मेरा था..." Episode 2 – आरव की अधूरी कहानी और एक पुराने खत की वापसी---बारिश की वो रात, जो एक टूटे हुए पन्ने और दो अनजान लोगों के बीच शुरू हुई थी… अब धीरे-धीरे एक कहानी का रूप ले रही थी।काव्या, जिसे अपने टूटे रिश्ते की टीस से उबरना बाकी था, अब एक नई नौकरी और नए शहर में खुद को साबित करने की जद्दोजहद में थी।वहीं आरव, जिसने दुनिया के लिए खुद को पत्थर बना रखा था — वो भी उस पन्ने की स्याही में डूबता जा रहा था।--- अगले दिन सुबह – ब्लू बेल पब्लिकेशन ऑफिसकाव्या