बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 47

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47कपाड़िया मेंशन रात के 10:00 बजे  रुचिता जैसे ही किचन से वनराज के लिए पानी लाती है तो वह दरवाजे की तरफ देखकर दंग रह जाती है उसके हाथों से पानी का गिलास नीचे छूट जाता है आंखों में से आंसू बेहिसाब बहने लगते हैं।रुचिता के गिलास नीचे गिरने की वजह से सभी लोगों का ध्यान रुचिता की तरफ जाता है जिसे देखकर सभी लोग रुचिता की नजरों की पीछा करते हैं तो उनकी चेहरे पर भी गंभीर भाव आ जाते हैं।इस वक्त वनराज की हालत बहुत खराब थी उसके कपड़े भीगे हुए थे उसके शरीर पर हल्के हल्के जख्म दिखाई